शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

Mujhe achhe log bohot mile M to unke krz se marr gaya Are ho sake to kabhi kabhi Kharab banke mila kro Na sawal bnke mila kro Na jawab bnke mila kro Meri zindgi mere khaab h Mujhe khaab banke mila kro मुझे अच्छे लोग बोहोत मिले मै तो उनके कर्ज़ से मर गया अरे हो सके तो कभी कभी खराब बनके मिला करो ना सवाल बनके मिला करो ना जवाब बनके मिला करो मेरी ज़िंदगी मेरे ख़ाब है़ मुझे खाब बनके मिला करो।

Ishq aag mein kood gaya To aag bani gulzaar Akal badi hairan hui Te baazi le gaya pyaar इश्क आग मे कूद गया तो आग बनी गुलज़ार अकल बडी हैरान हुई तो बाज़ी ले गया प्यार।। सौ ़ः उस्ताद नुसरत फतेह अली खान साब

Jobaat aankien dhak na saki
Jo baat chahere se chup na saki
Ab tumhi batao usko kaise rok paati ye akeli zubaan...
 जो बात आँखें ढ़क ना सकी
जो बात चेहरे से छूप ना सकी
अब तुम ही बताओ
उसको कैसे रोक पायेगी ये अकेली ज़ुबां।।

Ghalib

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